मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। हनुमान जी की पूजा, आराधना और उपवास के लिए मंगलवार का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। हनुमान जी को भगवान राम के परम भक्त के रूप में जाना जाता है इसलिए इन्हें भक्त हनुमान कहा जाता है।हनुमान जी की माता अंजना और पिता का नाम केसरी था। इसलिए इन्हें अंजनी पुत्र और केसरी नंदन कहा जाता है।
हनुमान जी की पूजा से हर तरह का संकट दूर हो जाता है। इसलिए इन्हे संकट मोचन कहा गया है। इनकीपूजा से हर तरह की परेशानियां, रोग, डर, मुश्किलें दूर हो जाती हैं। कोर्ट-कचहरी के मामले और अन्य विवादों में जीत के लिए लोग हनुमान जी की पूजा और आरती करते हैं। इससे बुरी ताकतें भी दूर रहती हैं। हनुमान जी की आरती सुबह-शाम दोनों समय करनी चाहिए, हनुमान जी की आरती करने से मनोकामना पूरी होती है।
हनुमान जी की आरती
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥
लंका सो कोट समुद्र-सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज सवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आनि संजीवन प्राण उबारे॥
पैठि पाताल तोरि जम-कारे। अहिरावण की भुजा उखारे॥
बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे॥
सुर नर मुनि आरती उतारें। जय जय जय हनुमान उचारें॥
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई॥
जो हनुमानजी की आरती गावे। बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥