भगवान भोलेनाथ की पूजा के दौरान शिव चालीसा और शिवजी की आरती करनी चाहिए। ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न हो जाते हैं। जो भी व्यक्ति सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना और व्रत, शिवजी की आरती करता है उसे भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है | शिव अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं |
शिवजी की आरती
ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा ॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसासन गरुडासन वृषवाहन साजे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा॥
दो भुज चारु चतुर्भुज दसभुज अति सोहे ।
तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद चंदा भोले शुभकारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा॥
श्वेतांबर पीतांबर बाघांबर अंगे ।
ब्रह्मादिक सनकादिक भूतादिक संगे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमंडल चक्र त्रिशूलधर्ता ।
जगकर्ता जगहर्ता जगपालनकर्ता ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर के मध्य ये तीनों एका ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा॥
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥
॥ ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु हर शिव ओंकारा ॥