जय माता दी, जय माता दी, जय माता दी,
जय माता दी, जय माता दी, जय माता दी,
जय हो...
दुखियो के दुखड़े मिटाने सोए सोए भाग जगाने,
बैठी खोल के दया के भंडार माँ जैसा कोई नही,
सिफ़त करे संसार माँ जैसा कोई नही।।
कोई जपे माँ काली की पूजे महाजवाला,
माता चिंतापुरानी ने सब चिंता को टाला,
तरनहार के रूप है हज़ार माँ जैसा कोई नहीं,
बैठी खोल के दया के भंडार माँ जैसा कोई नही।।
झोपड़ी से बंगला हो कंगला हो साहूकार,
वो भी सौ निरोगी काया माँ की माया है अपार,
वो ही मिलता जैसी हो दरकार माँ जैसा कोई नहीं,
बैठी खोल के दया के भंडार माँ जैसा कोई नही।।
झूठी दुनिया को छोड़ माँ चरणों से जोड़,
लखो तार गये लाखा ना कोई कमी ना कोई तोड़,
कहे कमला सरल वार वार माँ जैसा कोई नहीं,
बैठी खोल के दया के भंडार माँ जैसा कोई नही।।
दुखियो के दुखड़े मिटने सोये सोये भाग जगाने,
बैठी खोल के दया के भण्डार मेरी माँ जैसा कोई नहीं,
सिफ़त करे संसार माँ जैसा कोई नहीं,
बैठी खोल के दया के भण्डार माँ जैसा कोई नहीं।।