राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम राम राम राम राम
मर्यादा की मूरत राम, पूर्ण पुरुष की सूरत राम
ब्याकुल चिंतित मेरे हृदय का, एक मात्र वही बिश्राम
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
उत्तर में सब राम कहें, दक्षिण में सब रामा
एक मात्र वही राजा जिसने, पूरा भारत थामा
ज्ञान दिया अज्ञानी को, ज्ञानी को ज्ञान से मुक्ति दी
प्रत्यंचा की ध्वनि सुने,सागर की लहरें झुकती थीं
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
सदियों से पूजा जाए जो, धरती पर उसका थान नहीं था
हृदय में सबके वास करे, पर स्वयं का कोई स्थान नहीं था
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
त्रेता युग के राजा को, कलयुग में क्या प्रवास मिला
जन्म लिया जिस भूमि पर, उस भूमि पर वनवास मिला
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
किसी राम भक्त ने पगड़ी त्यागी, किसी राम भक्त का टूटा मन
कोई राम भक्त प्रतिज्ञा लेता, किसी राम भक्त ने, त्यागा अन्न
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
संघर्ष हुआ विकराल बहुत, काला कलयुग का काल बहुत
समय ने फेंके जाल बहुत हुए, राह देखते साल बहुत
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
हुई रामायण कलयुग में, युद्ध का फिर, ऐलान हुआ
रथे चली हर कोने से, घर घर से कुछ कुछ दान हुआ
दान करें कोई रामशिला, कोई गहने कंगन दान करें
कोई खाए सीने में गोली, न्योछावर अपने प्राण करें
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
कार्य सेवा हुई सफल, अब न्याय की बारी थी
फिर भारत की मंजूरी, अदालत ने स्वीकारी थी
मंदिर बना है राम का, भगबे का भीमान बढ़ा है
राम राज्य की पहली सीढ़ी, आज हिन्दुस्तान चढ़ा है
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
आज राम पुनः पधारे हैं, चहुँ ओर जयकारे हैं,
मस्तक किरणों से सजे, मुकुट लगे सितारे हैं
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
वर्षों के उपवास तोड़ कर, पगड़ी पहने सारे हैं
राम लला के चरणों में, झुकते मस्तक सारे हैं
वर्षों की प्रतीक्षा पर, लगा है आज विराम
वर्षों की प्रतिज्ञा से, बना है भव्य राम का धाम
बना है भव्य राम का धाम, बना है भव्य राम का धाम
बना है भव्य राम का धाम, बना है भव्य राम का धाम
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम
राम राम राम राम राम राम राम, राम राम राम बोलो जय श्री राम