गणेश भजन
फूलों की माला लेकर हम,
तुझे रिझाने आये हैं।
मीठे मीठे लडुअन का,
भोग भी हम तो लाये हैं॥
हे गणनायक हर प्राणी से,
दूर रहे सदा कुमति,
सदा भले विचार ही पनपे,
पायें हर कोई सुमति,
पूरे हों उसके सब सपने,
पूरे हों उसके सब सपने,
जो उसने सजाये हैं।
मीठे मीठे लडुअन का,
भोग भी हम तो लाये हैं।
फूलों की माला लेकर हम,
तुझे रिझाने आये हैं।
मीठे मीठे लडुअन का,
भोग भी हम तो लाये हैं॥
कोई कहे गणेश तुझे,
और कोई कहे है गणपति,
नाम तेरा ध्याने से आये,
ना कभी भी विपत्ति,
जग को तूने एक नहीं,
जग को तूने एक नहीं,
कई चमत्कार दिखाये हैं।
मीठे मीठे लडुअन का,
भोग भी हम तो लाये हैं।
फूलों की माला लेकर हम,
तुझे रिझाने आये हैं।
मीठे मीठे लडुअन का,
भोग भी हम तो लाये हैं॥
पान चढ़ाऊँ फूल चढ़ाऊँ,
और चढ़ाऊँ मेवा,
तेरी नौकरी करूँ गणपति,
तेरी करूँ मैं सेवा,
मन के मंदिर में हमनें,
मन के मंदिर में हमनें,
बस तेरे दीप जलाये हैं।
मीठे मीठे लडुअन का,
भोग भी हम तो लाये हैं।
फूलों की माला लेकर हम,
तुझे रिझाने आये हैं।
मीठे मीठे लडुअन का,
भोग भी हम तो लाये हैं॥