सदा पापी से पापी को भी तुम,
माँ भव सिंधु तारी हो,
फँसी मझधार में नैया को भी,
पल में उबारी हो,
न जाने कोन ऐसी भूल ,
मुझसे हो गयी मैया,
तुम अपने इस बालक को माँ,
मन से बिसारी हो॥
बिगड़ी मेरी बनादे, ए शेरों वाली मैया,
बिगड़ी मेरी बनादे, ए शेरों वाली मैया।
ओ, बिगड़ी मेरी बना दे, ऐ शेरोंवाली मैया,
ऐ शेरोंवाली मैया, देवास वाली मैया,
मैया, मेहरों...
अरे, ऐ मेहरों वाली मैया, ऐ खंडवा वाली मैया,
अपना मुझे बनाले ए मेहरों वाली मैया॥
दर्शन को मेरी अखियाँ कब से तरस रहीं हैं,
मेरी अँखियाँ..... माँ, मेरी ये अँखियाँ,
दर्शन को मेरी अखियाँ कब से तरस रहीं हैं,
हाँ..... सावन के जैसे झर-झर-झर-झर,
सावन के जैसे झर झर अखियाँ बरस रहीं हैं,
दर पे मुझे बुला ले, मैया जी,
ओ, दर पे मुझे बुला ले, मेरी मैया,
दर पे मुझे बुला ले, ए शेरों वाली मैया॥
बिगड़ी मेरी बना दे।
आते हैं तेरे दर पे, दुनिया के नर और नारी, माँ,
सुनती हो सब की विनती,मेरी मैया शेरों वाली,
मुझको दरश दिखा दे, मैया जी.. शेरा वालिये,
मुझको दरश दिखा दे, ऐ मेहरों वाली मैया,
मुझ को दरश दिखा दे, ए मेहरों वाली मैया॥
बिगड़ी मेरी बना दे।
बिगड़ी मेरी बनादे ए शेरों वाली मैया।
अपना मुझे बनाले ए मेहरों वाली मैया॥
To Listen This Bhajan 👇Singer - lakhbir singh lakkha