ये गर्व भरा मस्तक मेरा,
ये गर्व भरा मस्तक मेरा,
प्रभु चरण धूल तक झुकने दे,
अहंकार विकार भरे मन को,
निज नाम की माला जपने दे,
ये गर्व भरा मस्तक मेरा,
प्रभु चरण धूल तक झुकने दे,
ये गर्व भरा मस्तक मेरा ।
मैं मन के मैल को धो ना सका,
ये जीवन तेरा हो ना सका,
मैं मन के मैल को धो ना सका,
ये जीवन तेरा हो ना सका,
हाँ, हो ना सका,
मैं प्रेमी हूँ इतना ना झुका,
गिर भी जो पड़ूँ तो उठने दे,
ये गर्व भरा मस्तक मेरा,
प्रभु चरण धूल तक झुकने दे,
ये गर्व भरा मस्तक मेरा ।
मैं ज्ञान की बातों में खोया,
और कर्महीन पढ़कर सोया,
मैं ज्ञान की बातों में खोया,
और कर्महीन पढ़कर सोया,
जब आँख खुली तो मन रोया,
जग सोये मुझको जगने दे,
ये गर्व भरा मस्तक मेरा,
प्रभु चरण धूल तक झुकने दे,
ये गर्व भरा मस्तक मेरा ।
जैसा हूँ मैं खोटा या खरा,
निर्दोष शरण में आ तो गया,
जैसा हूँ मैं खोटा या खरा,
निर्दोष शरण में आ तो गया,
हाँ, आ तो गया,
एक बार ये कह दे खाली जा,
या प्रीत की रीत झलकने दे,
ये गर्व भरा मस्तक मेरा,
प्रभु चरण धूल तक झुकने दे,
ये गर्व भरा मस्तक मेरा ।