अंजनी के लाल,
जय जय अंजनी के लाल,
अंजनी के लाल,
जय जय अंजनी के लाल,
जय जय अंजनी के लाल॥
हनुमान जी हनुमान जी,
दया भक्तो पे करदो हनुमान जी,
तेरे द्वार पे जो आए,
फूल भावना के लाए,
उनकी झोलियाँ भर दो हनुमान जी,
हनुमान जी, हनुमान जी,
दया भक्तो पे करदो हनुमान जी॥
हे कंचन वर्ण प्रभु रघुवर के प्यारे,
दीन हीन निर्बल के संग सहारे,
तेरे चरण कमलों में आए पुजारी,
तेरे चरण कमलों में आए पुजारी,
हे बलवंत कीजो रे रक्षा हमारी,
हनुमान जी हनुमान जी,
दया भक्तो पे करदो हनुमान जी॥
हे गुणवान योद्धा है दाता कपीश्वर,
तेरे रोम रोम में रमे हुए है ईश्वर,
हे वेदों के ज्ञाता है करुणा के सागर,
हे वेदों के ज्ञाता है करुणा के सागर,
नहीं कोई सृष्टि में तेरे बराबर,
हनुमान जी हनुमान जी,
दया भक्तो पे करदो हनुमान जी॥
जो सिंदूर श्रद्धा से करते है अर्पण,
उन्हें तुझसे मिलता है सुख, शांति और धन,
जहाँ पर तुम्हारी है शक्ति के पहरे,
जहाँ पर तुम्हारी है शक्ति के पहरे,
वहां भूत टिकते ना पिशाच ठहरे,
हनुमान जी हनुमान जी,
दया भक्तो पे करदो हनुमान जी॥
तुम्ही कष्ट हर्ता शशि और रवि के,
तुम करते मनोरथ हो पुरे सभी के,
सुनो रे हे लंका दहन करने वाले,
सुनो रे हे लंका दहन करने वाले,
तुम्ही तो खिवैया हो जग के निराले,
हनुमान जी हनुमान जी,
दया भक्तो पे करदो हनुमान जी॥
हनुमान जी हनुमान जी,
दया भक्तो पे करदो हनुमान जी,
तेरे द्वार पे जो आए,
फूल भावना के लाए,
उनकी झोलियाँ भर दो हनुमान जी,
हनुमान जी हनुमान जी,
दया भक्तो पे करदो हनुमान जी॥
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