विनय मेरी सुन लीजिये,
हे हरी जगदाधार,
आराधन निस दिन करू,
कर लेना स्वीकार।
संसार ने जब ठुकराया
तब द्वार तेरे प्रभु आया
मैने तुझे कभी ना ध्याया
तूने सदा-सदा अपनाया
संसार ने जब ठुकराया ॥
मैं मद माया में फूला
तेरे उपकार को भूला
तूने कभी नही विसराया
तूने सदा-सदा अपनाया
मैं ही जग भरमाया
तूने सदा-सदा अपनाया
संसार ने जब ठुकराया ॥
था मोह नींद में सोया
शुभ अवसर हाथ से खोया
शुभ अवसर हाथ से खोया
जब लूट रही थी माया
तूने कितनी बार जगाया
संसार ने जब ठुकराया ॥
जग में सब कुछ था तेरा
मैं कहता रहा मेरा मेरा
मैं कहता रहा मेरा मेरा
अब अंत समय जब आया
मैं मन ही मन पछताया
हरि शरण तिहारी आया
सब चरणन माही चढ़ाया
संसार ने जब ठुकराया
तब द्वार तेरे प्रभु आया
संसार ने जब ठुकराया।