आओ गणनायक राजा,
तेरी दरकार है,
देखो ये माँ गौरी का,
प्यारा सा लाल है ॥
सबसे पहले तुम्हे मनाए,
रिद्धि सिद्धि संग आओ,
सभा बीच में आय पधारो ,
कीर्तन सफल बनाओ,
सब मिल पहनाए तुझको,
पुष्पन के हार है,
देखो ये माँ गौरी का,
प्यारा सा लाल है ॥
लड्डू, मेवा, मिश्री का हम,
थाल सजाकर लाए,
रूचि रूचि भोग लगाओ देवा,
ये अमृत बन जाए,
जो इस अमृत को पाए,
उसका उद्धार है,
देखो ये माँ गौरी का,
प्यारा सा लाल है ॥
भक्त की विनय यही है,
जमके रस बरसाना,
तुम नाचो और हमें नचाओ,
ऐसा रंग जमाना,
ये भक्त जनों के,
दिल का उद्गार है,
देखो ये माँ गौरी का,
प्यारा सा लाल है ॥
आओ गणनायक राजा,
तेरी दरकार है,
देखो ये माँ गौरी का,
प्यारा सा लाल है ॥