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लाल लंगोटा हनुमान को,
प्यारा लागे, प्यारा लागे,
लाल रंग को देख असुर
जन डरते डरते भागे,
ये है अंजनी माँ का लाल,
भक्तो करता बड़े कमाल॥
ऐसा राम भक्त न दूजा,
हुआ कोई मतवाला,
बचपन में ही जिसने,
सूरये रक्त को रोक डाला,
माँ अंजनी के दूध की ताकत,
करती खेल निराला,
चार मारुत शिव शंकर का,
जिस से डरता काल,
ये है अंजनी माँ लाल,
भक्तो करता बड़े कमाल॥
हनुमान बिन सात समुन्दर,
लांग कोई न पाये,
शिव शम्भू से मिली दान में,
लंका कौन जलाये,
ऐसी ताकत नहीं किसी में,
पहाड़ उठा कर लाये,
भरी सभा में जो दे सीना,
पल में फाड़ डाल,
ये है अंजनी माँ लाल,
भक्तो करता बड़े कमाल॥
चार युगो का चाकर चलता,
हर युग में हनुमाना,
राम कथा में हाज़िर रहते,
पर किसने पहचाना,
अपना तो है भक्तो,
चरणों में ठिकाना,
जब जब संकट आये,
हनुमत लेते आप संभाल,
ये है अंजनी माँ लाल,
भक्तो करता बड़े कमाल॥
लाल लंगोटा हनुमान को,
प्यारा लागे, प्यारा लागे,
लाल रंग को देख असुर,
जन डरते डरते भागे,
ये है अंजनी माँ का लाल,
भक्तो करता बड़े कमाल॥