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तुम मेरी राखो लाज हरि
तुम मेरी राखो लाज हरि
तुम मेरी राखो लाज हरि
तुम मेरी राखो लाज हरि
तुम जानत सब अन्तर्यामी
तुम जानत सब अन्तर्यामी
करनी कछु ना करी
तुम मेरी राखो लाज हरि।
अवगुन मोसे बिसरत नाहिं
अवगुन मोसे बिसरत नाहिं
पलछिन घरी-घरी
तुम मेरी राखो लाज हरि।
दारा, सुत, धन मोह लिये हौं
दारा, सुत, धन मोह लिये हौं
सुध-बुध सब बिसरी
तुम मेरी राखो लाज हरि
तुम मेरी राखो लाज हरि।
सूर पतित को बेगि उदारो
सूर पतित को बेगि उदारो
अब मेरी नाव भरी
तुम मेरी राखो लाज हरि
तुम मेरी राखो लाज हरि।
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