प्रभु भजन
सुख भी मुझे प्यारे है,
दुःख भी मुझे प्यारे है,
छोडू मैं किसे भगवन,
दोनो ही तुम्हारे है।
सुख भी मुझे प्यारे हैं,
दुःख भी मुझे प्यारे हैं।।
सुख दुःख ही तो दुनिया की,
गाड़ी को चलाते है,
सुख दुःख ही हम सबको,
इन्सान बनाते है,
संसार की नदीयां के,
दोनो ही किनारे है.
छोडू मैं किसे भगवन,
दोनो ही तुम्हारे है।
सुख भी मुझे प्यारे हैं,
दुःख भी मुझे प्यारे हैं।।
दुःख चाहे ना कोई,
सब सुख को तरसते है,
दुःख में सब रोते है,
सुख में सब हसते है,
सुख मिले उसके पीछे,
दुःख ही तो सहारे है,
छोडू मैं किसे भगवन,
दोनो ही तुम्हारे है।
सुख भी मुझे प्यारे हैं,
दुःख भी मुझे प्यारे हैं।।
सुख में तेरा शुकर करू,
दुःख में फरयाद करू,
जिस हाल में रखें मुझे,
मैं तुम को याद करू,
मैंने तो तेरे आगे,
ये हाथ पसारे है,
छोडू मैं किसे भगवन,
दोनो ही तुम्हारे है।
सुख भी मुझे प्यारे हैं,
दुःख भी मुझे प्यारे हैं।।
जो तेरी रजा है उसमें,
देखू मैं पकड़ कैसे,
मैं कैसे कहु मेरे,
कर्मो के है फल कैसे,
चख कर भी न देखूँगा,
मीठे है कि खारे है,
छोडू मैं किसे भगवन,
दोनो ही तुम्हारे है।
सुख भी मुझे प्यारे हैं,
दुःख भी मुझे प्यारे हैं।।
मैं कैसे कहूँ मुझको,
ये दे दे या वो दे दे,
जो भी तेरी मर्जी हो,
मर्जी से वो दे दे,
मैंने तो तेरे आगे,
ये हाथ पसारे है,
छोडू मैं किसे भगवन,
दोनो ही तुम्हारे है।
सुख भी मुझे प्यारे हैं,
दुःख भी मुझे प्यारे हैं।।
सुख भी मुझे प्यारे है,
दुःख भी मुझे प्यारे है,
छोडू मैं किसे भगवन,
दोनो ही तुम्हारे है।
सुख भी मुझे प्यारे हैं,
दुःख भी मुझे प्यारे हैं।।