कैलाश के निवासी,
नमो बार-बार हूँ।
आयो शरण तिहारी,
प्रभु तार पार तू।
कैलाश के निवासी,
नमो बार-बार हूँ।
भक्तों को कभी तूने,
निराश न किया।
माँगा जिन्हें जो चाहा,
वरदान दे दिया।
बड़ा है तेरा दायरा,
बड़ा है तेरा दायरा,
बड़ा दातार तू,
बड़ा दातार तू।
आयो शरण तिहारी,
प्रभु तार पार तू।
कैलाश के निवासी,
नमो बार-बार हूँ।
बखान क्या करू मैं,
लाखों के ढेर का।
चपटा भभूत में है,
खजाना कुबेर का।
हे गंगा धार मुक्ति धार,
हे गंगा धार मुक्ति धार
ओम कार तू,
ओम कार तू।
आयो शरण तिहारी,
प्रभु तार पार तू।
कैलाश के निवासी,
नमो बार-बार हूँ।
क्या-क्या नहीं दिया है,
हम क्या प्रमाण दे।
बस गए त्रिलोक शंभू,
हम तेरे दान से।
ज़हर पिया जीवन दिया,
ज़हर पिया जीवन दिया
कितना उदार तू ,
कितना उदार तू ,
आयो शरण तिहारी,
प्रभु तार पार तू।
कैलाश के निवासी,
नमो बार-बार हूँ।
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