राम सीता विवाह
यहाँ लेके बारात पधारे,
मधुर अभिवादन तुम्हारा,
मधुर अभिवादन तुम्हारा,
तुम अतिथि विशेष हमारे,
मधुर अभिवादन तुम्हारा।
किस आँगन पर तुमको बिठाए,
पलकें बिछायें कि ह्रदय बिछायें,
क्या तुम्हरी सेवा में लाये,
तुम्हे देखकर ही मन हारे,
मधुर अभिवादन तुम्हारा,
यहाँ लेके बारात पधारे,
मधुर अभिवादन तुम्हारा।
हमको राम दूल्हा के कारण,
दशरथ जी के हो रहे दर्शन,
संग है लखन, भरत, रिपुसूदन,
पाहुन प्राणों से प्यारे,
मधुर अभिवादन तुम्हारा,
यहाँ लेके बारात पधारे,
मधुर अभिवादन तुम्हारा।
शत-जन्मो के पुण्य फले है,
तब ये मिलन के दीप जले है,
हम तो गगन को छूने चले है,
अजी जुड़ कर संग तुम्हारे,
मधुर अभिवादन तुम्हारा,
मधुर अभिवादन तुम्हारा,
यहाँ लेके बारात पधारे,
मधुर अभिवादन तुम्हारा,
मधुर अभिवादन तुम्हारा,
मधुर-मधुर अभिवादन तुम्हारा।