दशरथनन्दन दाशरथीघन
पूर्णचन्द्रतनु कान्तिमयम्
दिव्यसुनयन रण्जीतरञ्जन
रमापतिवीर सीतानाथम्
गहनकानने लक्ष्मीलक्ष्मीपति
पितृसत्यधारी सत्यसुतम्
पूर्णसत्यदेव राघवमाधब
रामरघुनाथ पदौभजे ॥१॥
मण्डितधरणी
खण्डिततनुनतमस्तकेभूषित
क्लेशभारम्
सम्भबतियुगेयुगे नानाकृतधृतरूप
अरूपस्वरूप शस्त्रधरम्
पापासुरनिधन साधुपरित्राण
दरिद्रदारुण त्राणमूर्त्तिम्
दिव्य कान्ति तनु नेत्र शशि भानु
रामरघुनाथ पदौभजे ॥ २ ॥
घनघनघनीभूत कौशल्यासम्भूत
रामरमाकान्त जगन्नाथम्
शान्तसुशीतल सुनीलअनल
नीलतरलरल तबमुखम्
चन्दनविमर्दन मदनमोहन
नग्ननिमग्नधीर भक्तरमम्
हस्तेशस्त्रधारी त्रिभुबनविहारी
रामरघुनाथ पदौभजे ॥३॥
अहल्यातारक बलीसंहारक
शत्रुविनाशक विश्वदेवम्
प्रेमप्रदायक ब्रह्माण्डनायक
तारणपतक सत्यप्रियम्
दशमुखमर्द्धन भक्तप्राणधन
नित्यनिरञ्जन सर्वसारम्
सर्वमनोरञ्जन सर्वमानभञ्जन
रामरघुनाथ पदौभजे ॥४॥
विक्रान्तकुण्डीर स्थिरमनोहर
दिव्यकलेवर मायाधरम्
नीरजबदन पङ्कजलोचन
पुष्करचरण मोक्ष्यप्रदम्
रामरामहेराम श्रीरामजयराम
रामरमणचित्तेचित्तधरम्
पतिपतिसीतापति भूपतिश्रीपति
रामरघुनाथ पदौभजे ॥५॥
मन्दरमान्दर सानन्दसुन्दर
तरुणधारूणपति सृष्टिधरम्
सदाप्रजाबत्सल कोमलउत्पल
विमलश्यामल कलेवरम्
जानकीवल्लभ तबकरपल्लव
सौरभदुर्लभ तत्त्वसारम्
मोक्ष्यप्रदायक आनन्ददायक
रामरघुनाथ पदौभजे ॥६॥
मारूतिसेवित इन्दिरावन्दित
विश्वसन्दनीत श्रीकन्दरम्
चण्डवातगति छिन्दतिदुर्गति
सृष्टिप्रलयस्थिति मुलात्मूलम्
हेप्रभुईश्वर श्रीधरभूधर
सर्वांगसुन्दर रंगनाथम्
कृपालुसागर नित्यमनोहर
रामरघुनाथ पदौभजे ॥ ७ ॥
तबअनुस्मरण तबपरिचिन्तन
प्रध्यानपठन नित्यसुखम
मुखेतबगापन तबलीलावर्णन
तबनामेमार्जन शुद्धमयम्
क्लेशक्लेशमहाक्लेशभबसूरा
देबेश रक्षाकुरुस्वामी गोरक्षकम्
हे रघुनन्दन सर्वक्लेशखण्डन
रामरघुनाथ पदौभजे ॥८॥
ममबनरोदन परितापअर्दन
अपसारतबसंग रघुनाथम्
तबपददर्शन सदाचित्तेचिन्तन
ममप्राणप्राणधन चक्रधरम्
उत्कलसम्भवशुभागसुभग
भणतितबमालीका गोनायकम्
दीनकृष्णदास प्रतिश्वासप्रश्वास
रामरघुनाथ पदौभजे ॥0॥
॥ इति रामरघुनाथ अष्टकम् सम्पूर्णम् ॥
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