राम भजन
निर्बल हो कर कोई,
जब उन्हें पुकारा है,
फिर कौन बिगाड़ेगा,
जब राम सहारा है,
निर्बल होकर कोई॥
कोई राम-राम कहता,
कोई शिव-शिव गाता है,
कोई कृष्ण राधे-राधे,
कोई ध्यान लगता है,
ये भी हमे प्यारा है,
वो भी हमे प्यारा है,
फिर कौन बिगाड़ेगा,
जब राम सहारा है,
निर्बल हो कर कोई॥
पतवार पे हो रघुवर,
तूफान से क्या डरना,
जब काम हो रघुवर का,
तो क्या जीना क्या मरना,
रघुनाथ के भक्तों का,
वो बुलंद सितारा है,
फिर कौन बिगाड़ेगा,
जब राम सहारा है,
निर्बल हो कर कोई॥
कोई साहिल पे आ के,
साहिल को ढूंढ रहा,
दरिया के किनारे भी,
प्यासा वो घूम रहा,
सबसे धनवान का सुत,
किस्मत का मारा है,
फिर कौन बिगाड़ेगा,
जब राम सहारा है,
निर्बल हो कर कोई॥
मैने जीवन सौप दिया,
रघुनाथ के हाथों में,
मुझे मिला दिब्य ज्योति,
अंधेरी रातों में,
रघुनाथ के भक्तों का,
कोई कुछ न बिगाड़ा है,
फिर कौन बिगाड़ेगा,
जब राम सहारा है,
निर्बल हो कर कोई॥
निर्बल हो कर कोई,
जब उन्हें पुकारा है,
फिर कौन बिगाड़ेगा,
जब राम महारा है,
निर्बल हो कर कोई॥