शिव भजन
तू ही अंत तू अनंत, है चराचर में तू
जय महाकाल, जय महाकाल
तू ही अंत तू अनंत, है चराचर में तू
मेरे माथ जो लगे, उस चंदन में तू
सृष्टि का जीव से, है जो नाता वो तू
तू ही अंत तू अनंत, है चराचर में तू
तू ही अंत तू अनंत, है चराचर में तू
तू ही अंत तू अनंत
हे नाग धारी, त्रिनेत्र धारी
नाग धारी, त्रिनेत्र धारी
शम्भू विशाला, गले रुण्ड माला
जटा गंग साजे, संग नंदी विराजे
जटा गंग साजे, संग नंदी विराजे
है पालक जगत का, विनाशक भी तू
तू ही अंत तू अनंत, है चराचर में तू
तू ही अंत तू अनंत, है चराचर में तू
तू ही अंत तू अनंत
जय महाकाल, जय महाकाल
निराकार आकार साकार पतवार
निराकार आकार साकार पतवार
निराधार आधार आभार ओंकार
निराधार आधार आभार ओंकार
सकल सृष्टि अनुराग और राग बैराग
जो हलाहल पिए वह सदाशिव है तू
तू ही अंत तू अनंत, है चराचर में तू
तू ही अंत तू अनंत, है चराचर में तू
तू ही अंत तू अनंत
जय महाकाल, जय महाकाल
जय महाकाल, जय महाकाल