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एक बार जो रघुवर की, नजरो का इशारा हो जाये,
तेरी लगन में खो जाऊँ मैं, दुनिया से किनारा हो जाये॥
एक बार जो रघुवर की, नजरो का इशारा हो जाये।
श्री राम तुम्हारे चरणों में, आशीष सभी को मिलती है,
यह धूल तुम्हारी मिल जाये, जीवन का सहारा हो जाये॥
एक बार जो रघुवर की, नजरो का इशारा हो जाये।
सरकार तुम्हारी महफ़िल में, तकदीर बनाई जाती है,
मेरी भी बिगड़ी बन जाये, एहसान तुम्हारा हो जाये॥
एक बार जो रघुवर की, नजरो का इशारा हो जाये।
ये श्री राम का मंदिर है, भागीरथी गंगा बहती है,
सब लोग यहाँ पे तरते है, भव पार सभी का हो जाये॥
एक बार जो रघुवर की, नजरो का इशारा हो जाये।