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बोलो बांके बिहारी लाल की जय
जय जय श्री राधे, जय जय श्री राधे,
जय जय श्री राधे,
सखी री बांके बिहारी से
सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
बचायी थी बहुत लेकिन
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ ॥
सखी री सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
ना जाने क्या किया जादू
यह तकती रह गयी अखियाँ ।
चमकती हाय बरछी सी
कलेजे गड़ गयी आखियाँ ॥
सखी री हाँ बांके बिहारी से
सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
चहू दिश रस भरी चितवन
मेरी आँखों में लाते हो ।
कहो कैसे कहाँ जाऊं
यह पीछे पड़ गयी अखियाँ ॥
सखी री सखी री बांके बिहारी से
सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
भले तन से निकले प्राण
मगर यह छवि ना निकलेगी ।
अँधेरे मन के मंदिर में
मणि सी गड़ गयी अखियाँ ॥
सखी री सखी री बांके बिहारी से
सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
सखी री बांके बिहारी से
सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
बचायी थी बहुत लेकिन
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ ॥
सखी री सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
राधे राधे गोविन्द गोविन्द राधे
राधे राधे गोविन्द गोविन्द राधे
गोविन्द राधे गोपाल राधे
गोविन्द राधे गोपाल राधे
जय राधे राधे गोविन्द गोविन्द राधे
जय राधे राधे गोविन्द गोविन्द राधे
गोविन्द राधे गोपाल राधे
गोविन्द राधे गोपाल राधे
जय राधे राधे गोविन्द गोविन्द राधे
जय राधे राधे गोविन्द गोविन्द राधे
गोविन्द राधे गोपाल राधे
गोविन्द राधे गोपाल राधे
गोविन्द राधे गोपाल राधे
गोविन्द राधे गोपाल राधे
गोविन्द राधे गोपाल राधे
जय राधे राधे गोविन्द गोविन्द राधे
जय राधे राधे गोविन्द गोविन्द राधे
जय राधे राधे गोविन्द गोविन्द राधे
जय राधे राधे गोविन्द गोविन्द राधे