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कृष्ण राधा होली भजन
नन्द गाँव का छोरा है, बरसाने की छोरी है,
नन्द गाँव का छोरा है, बरसाने की छोरी है,
कान्हा काला-काला है, राधा गोरी-गोरी है,
कान्हा काला-काला है, राधा गोरी-गोरी है,
वृंदावन में होली है, वृंदावन में होली है।
होली खेल रहे नंदलाल, वृंदावन कुञ्ज गलिन में।
वृंदावन कुञ्ज गलिन में, वृंदावन कुञ्ज गलिन में॥
नंदगांव के छैल बिहारी, बरसाने की राधा प्यारी,
हिल-मिल खेले गोपी ग्वाल, वृंदावन कुञ्ज गलिन में॥
ढप-ढ़ोल मजीरा बाजे, कान्हा मुख मुरली साजे,
ए री सब, ए री सब,
ए री सब नाचत दे दे ताल, वृंदावन कुञ्ज गलिन में॥
याने भर पिचकारी मारी, रंग में रंग दारी सारी,
ए री मेरे, ए री मेरे,
ए री मेरे मुख पर मलो गुलाल, वृंदावन कुञ्ज गलिन में॥
होली खेल रहे नंदलाल, वृंदावन कुञ्ज गलिन में।
वृंदावन कुञ्ज गलिन में, वृंदावन कुञ्ज गलिन में॥