खाटू श्याम भजन
मैंने सौंपी है, जीवन की नैया तेरे हाथ,
लोगो से हमने सुना है,
हर दम तू ही देता है, हारे का साथ,
मैंने सौपी है, जीवन की नैया तेरे हाथ।
मेरे दोनों हाथ तेरे आगे,
क्या है कमी इनमे तू बतला दे,
क्या वो लकीर नहीं है,
क्या वो तकदीर नहीं है, या हो नाराज़,
मैंने सौपी है, जीवन की नैया तेरे हाथ।
मैंने सौंपी है, जीवन की नैया तेरे हाथ,
लोगो से हमने सुना है,
हर दम तू ही देता है, हारे का साथ,
मैंने सौपी है, जीवन की नैया तेरे हाथ।
इन हाथों को है तेरी दरकार,
मेरे पीछे है पूरा परिवार,
नैया मझधार फसी है,
तेरे होठो पे हँसी है, क्यों दीनानाथ,
मैंने सौपी है, जीवन की नैया तेरे हाथ।
मैंने सौंपी है, जीवन की नैया तेरे हाथ,
लोगो से हमने सुना है,
हर दम तू ही देता है, हारे का साथ,
मैंने सौपी है, जीवन की नैया तेरे हाथ।
जिसे दिया उसे खूब दिया है श्याम ,
मुझसे क्या इन्साफ किया है श्याम ,
क्या उनके हाथ है ज्यादा,
या फिर औकात है ज्यादा, बतला दो बात,
मैंने सौपी है, जीवन की नैया तेरे हाथ।
मैंने सौंपी है, जीवन की नैया तेरे हाथ,
लोगो से हमने सुना है,
हर दम तू ही देता है, हारे का साथ,
मैंने सौपी है, जीवन की नैया तेरे हाथ।
भक्तों से है क्यों मुख मोड़ लिया,
या तकदीर बदलना छोड़ दिया,
कहता ‘पवन’ ना छूटे,
भरोसा ये ना टूटे, रख लेना बात,
मैंने सौपी है, जीवन की नैया तेरे हाथ।
मैंने सौंपी है, जीवन की नैया तेरे हाथ,
लोगो से हमने सुना है,
हर दम तू ही देता है, हारे का साथ,
मैंने सौपी है, जीवन की नैया तेरे हाथ।